भारत के संविधान की दुनिया में बड़ाई भी की जाती है. लेकिन यह लोकतंत्र की बहुत ही बड़ी असफलता बनती जा रही है. आज जब वोटो की गिनती की बात होती है तब इन नेताओ को हमारा ध्यान आता है. ये चुनाव चाहे राज्य के हो चाहे देश के हो , चाहे पंचायत स्तर के हो, सभी में यह बात लागु होती है. बड़ी बड़ी बात करने वाले भी अपने कार्य क्षेत्र में जाकर अपनी जाती की गडाना करने लगते है. तमाम नेता तो आज जाती गडाना के कारन ही अपने पूरे परिवार को राजनीती में रख कर जाती की ही कसम खिलाकर सत्ता की धुरी बनाना चाहते है.
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